किये थे कुछ सवालात खुद से, जानता हूँ क्या मैं खुद को ? जवाब तो कुछ ना मिला, पर पता च किये थे कुछ सवालात खुद से, जानता हूँ क्या मैं खुद को ? जवाब तो कुछ ना मिला...
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
वो अच्छी है ये मेरा दिल कहता है, ये सब मैं समझ रहा हूं। वो अच्छी है ये मेरा दिल कहता है, ये सब मैं समझ रहा हूं।
दूर जो जाऊँ पास बुलाते हो पास जो आऊँ नजरे चुराते हो ! दूर जो जाऊँ पास बुलाते हो पास जो आऊँ नजरे चुराते हो !
कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो