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मेरी मिलना कोमल हो स्त्री हो कल न हो अच्छे मित्र के पहचान मित्र हो ऐसा पहली मुलाकात के दोस्त क्या चाहते हिन्दीकविता hindikavita लम्हे जिंदगी के कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो

Hindi हो के Poems